गैरसैण ग्रीष्मकालीन राजधानी उत्तराखण्ड ✔✔✔ गैरसैंण चमोली Gairsain chamoli गैरसैण चमोली उत्तराखण्ड gairsain chamoli uttrakhand gairsain summer capital uttrakhand
Gairsain गैरसैंण
किसी दौर में गैरसैण gairsain को राजधानी बनाने की सिफारिश करने वाले आयोग ने सिफारिश तो कर दी परन्तु उत्तराखण्ड को आज तक खुद की स्थाई राजधानी state capital नही मिल पायी कारण है गैरसैण gairsain पहाड़ी क्षेत्र है जहाँ पर सुविधाए नही है परन्तु सुविधाओ को इजात भी करने की जहमत नही उठाई, राज्य को बने 20 साल हो गये और ये सुविधाए पहाड़ो तक देहरादून dehradun नही पहुच पायी ये भी सोचनीय विषय है ऐसा क्यों?
Gairsain गैरसैण
आईये आपको गैरसैण gairsain से अवगत कराते है गैरसैण उत्तराखण्ड के बीचो - बीच बसा एक सुंदर-सा शहर है जहाँ तक आप उत्तराखण्ड के किसी भी कोने से लगभग समान दुरी तय कर पहुच पायेंगे यही वजह थी की उत्तराखण्ड uttrakhand को स्थाई राजधानी fixed capital of state निर्माण हेतु गैरसैण gairsain का सुझाव दिया गया |
श्री बरमोला जी जो की शिक्षक हैं द्वारा यह जानकारी दी गयी की चमोली जिल्ले की स्थापना 24 Feb. सन 1960 में हुई थी |
अर्थात वह स्थान जो गहरे में है और समतल या मैदानी है और आसपास पहाड़ होने की वजह से इसे कुछ इस प्रकार कहा जा सकता है की पहाड़ो के बीच का वह समतल स्थान जो गहरे में है और समतल भी गैरसैण है |
कुछ लोगो का कहना है की यह स्थान जिसे गैरसैण कहा जाता है गैड़ गाँव के नीचे गई जिस कारण इसे गैरसैण कहा जाता है |
श्री बरमोला जी जो की शिक्षक हैं द्वारा यह जानकारी दी गयी की चमोली जिल्ले की स्थापना 24 Feb. सन 1960 में हुई थी |
गैरसैण नाम का अर्थ meaning of Gairsain
गैरसैण प्राय: दो शब्दों से मिलकर बना है गैर और सैण जिनका अर्थ क्रमशः गैर यानी गहरा और सैण यानि समतलअर्थात वह स्थान जो गहरे में है और समतल या मैदानी है और आसपास पहाड़ होने की वजह से इसे कुछ इस प्रकार कहा जा सकता है की पहाड़ो के बीच का वह समतल स्थान जो गहरे में है और समतल भी गैरसैण है |
कुछ लोगो का कहना है की यह स्थान जिसे गैरसैण कहा जाता है गैड़ गाँव के नीचे गई जिस कारण इसे गैरसैण कहा जाता है |
गैरसैण उत्तराखण्ड gairsain uttrakhand के चमोली chamoli जिल्ले में स्थित है चमोली जिला District chamoli अपने आप में बहुत बड़ा जिला है जिसके केंद्र में कर्णप्रयाग karanprayag है जहाँ से आप चमोली chamoli के किसी भी स्थान पर जा सकते हैं |
गैरसैण के बारे में कुछ अन्य जानकारी some other information about gairsain like how to reach gairsain ,facilities, climate information , nearby places,
how to reach gairsain गैरसैण तक केसे पहुचेंगे
गैरसैण gairsain तक पहुचने के लिए आपको नजदीकी जनपद पौड़ी , रुद्रप्रयाग , अल्मोडा pauri rudraprayag almora तक पहुचना होगा जहाँ से आप सड़क मार्ग से गैरसैण gairsain तक आसानी से पहुच सकते हैं |
गैरसैण gairsain को पिछले समय में चन्द्रनगर chandranagar के नाम से जाना जाता था जो बाद में गैरसैण gairsain नया नाम रखा गया यहाँ नजदीकी नदी रामगंगा ramganga है जो नजदीकी गांव दुधातोली dudhatoli से निकलती है इसी गांव से नजदीक भराडीसैन bharadisain है जहाँ पर स्थाई राजधानी हेतु विधानसभा भवन vidhansabha bhawan बनाया गया है जो गैरसैण gairsain से लगभग 8 से 10 km. की दुरी पर स्थित है |
गैरसैण मौसम सम्बन्धी जानकारी climate of gairsain
यदि गैरसैण Gairsain के मौसम की बात करी जाए तो गैरसैण gairsain भले ही गर्मियों में अधिक गर्मी वाला क्षेत्र नही है परन्तु शर्दियो के दोरान यहाँ का मौसम ठंडा होता है यदि शर्दियो में अधिक वर्षा हो तो यहाँ हिमपात होने की अधिक सम्भावना होती |
गैरसैण से नजदीकी स्थान nearby places from gairsain
गैरसैण के सन्दर्भ में अन्य जानकारी Information about gairsain
History of Gairsain गैरसैण का इतिहास
गैरसैंण गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है, जिसे प्राचीन कथाओं तथा ग्रन्थों में केदार क्षेत्र या केदारखण्ड कहा गया है। सातवीं शताब्दी के आस-पास यहां आये चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने इस क्षेत्र में ब्रह्मपुर नामक राज्य होने का वर्णन किया है। यह क्षेत्र अर्वाचीन काल से ही भारतवर्ष की हिमालयी ऐतिहासिक, आध्यात्मिक व सॉस्कृतिक धरोहर को समेटे हुए है। लोकप्रचलित कथाओं के अनुसार प्रस्तुत इलाके का पहला शासक यक्षराज कुबेर था। कुबेर के पश्चात् यहां असुरों का शासन रहा, जिनकी राजधानी वर्तमान उखीमठ में हुआ करती थी। महाभारत के युद्ध के बाद इस क्षेत्र में नाग, कुनिन्दा, किरात और खस जातियों के राजाओं का वर्चस्व भी माना जाता रहा है। ईसा से 2500 वर्ष पूर्व से लेकर सातवीं शताब्दी तक यह क्षेत्र कत्यूरियों के अधीन रहा, तत्पश्चात तेरहवीं शताब्दी से लगभग सन् 1803 तक गढ़वाल के परमार राजवंश के अधीन रहा। सन 1803 में आये एक भयंकर भूकंप के कारण इस क्षेत्र का जन-जीवन व भौगोलिक-सम्पदा बुरी तरह तहस-नहस हो गया था, और इसके कुछ समय बाद ही गोरखा सेनापति अमर सिंह थापा के नेतृत्व में गोरखाओं ने इस क्षेत्र पर आक्रमण कर कब्ज़ा कर लिया और 1803 से 1815 तक यहां गोरखा राज रहा।
1815 के गोरखा युद्ध के बाद 1815 से 14 अगस्त, 1947 तक ब्रिटिश शासनकाल रहा। इसी ब्रिटिश शासनकाल के अन्तराल 1839 में गढ़वाल जिले का गठन कर अंग्रेजी हुकूमत ने इस क्षेत्र को कुमाऊँ से गढ़वाल जिले में स्थानांतरित कर दिया तथा 20 फरवरी 1960 को इसे चमोली जिले बना दिया गया।
गैरसैण चमोली Gairsain chamoli
गैरसैण gairsain वर्तमान में नगरपंचायत गैरसैण nagarpanchayat gairsain के रूप में जाना जाता है एवं वाहन हेतु बाईपास बनाये गये हैं परन्तु कहा ये जा रहा है की कुछ समय पशच्यात गैरसैण gairsain में रिंग रोड बनाया जायेगा , यहाँ वर्तमान में हेलिपैड ,विधानसभा भवन , स्नातकोतर महाविध्यालय गैरसैण, रुकने के लिए होटल एवं GMVN gairsain में स्थित जहाँ से आप गैरसैण से अनेको नजदीकी जगहों पर जाकर प्राकृतिक सौन्दर्य का लुत्फ़ ले सकते हैं |
यदि आपको किसी प्रकार की परेशानी हो रही है आप नीचे कमेन्ट कर हमसे अपने सवाल पुछ सकते हैं या ईमेल कर सकते हैं